प्रोफेसर निगेल मैकमिलन ने कहा कि यह एक ‘खोजो और नष्ट करो’ मिशन है. हम इस थेरेपी की मदद से किसी व्यक्ति के फेफडों में मौजूद वायरस को डिटेक्ट करके उसे नष्ट कर सकते हैं. यह थेरेपी जीन-साइलेंसिंग नामक चिकित्सा तकनीक पर आधारित है, जिसे पहली बार 1990 के दशक में खोजा गया था.
from Zee News Hindi: World News https://ift.tt/3huOKLv
0 Comments